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Friday, January 3, 2020

क्या है CDS/चीफ ऑफ डिफेंस? What is CDS/Chief Of Defense, कोन है भारत का पहला CDS चेयरमैन?

दोस्तों नमस्कार, हमारे वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है, हम अपने इस Portal पर Technology और Education से सम्बंधित आर्टिकल लिखते हैं, जो आपके लिए ज्ञान और जानकारी के प्रयाय होते है, आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की CDS/Chief Of Defense/चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद क्या है, और इसकी क्यों आवश्यकता पड़ी। इस पद की जिम्मेदारियां क्या-क्या है?
क्या है CDS/चीफ ऑफ डिफेंस? What is CDS/Chief Of Defense

हमारे देश की तीनो सेनाओं (जलसेना, वायुसेना, थलसेना) को और मजबूती प्रदान करने और उनमें तालमेल बेहतर करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस/73rd Independence Day 15 अगस्त  2019 को एक बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने सभी तीनों सेनाओं के ऊपर एक प्रमुख का पद बनाने की घोषणा की थी, जी पद का नाम होगा CDS/चीफ ऑफ डिफेंस। भारत में पिछले 20 साल से इस CDS/चीफ ऑफ डिफेंस व्यवस्था की जरूरत महसूस की जा रही थी। दुनिया के बहुत से देशों में ये व्यवस्था पहले से ही लागू है। 

15 अगस्त  2019 को लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में तीनों सेनाओं की मजबूती और तालमेल पर काफी जोर दिया था, उन्होंने कहा था कि, "आज के इस मशीनी युग में युद्ध की तकनीक भी बदलती जा रही है, अब अगर कहीं भी युद्ध हुआ तो वो पहले से कहीं ज्यादा भयानक होगा। युद्ध की इसी समस्या से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमाल होना अत्यंत आवश्यक है।" इसीलिए उन्होंने भारत की तीनों सेनाओं प्रमुख सेनाओं, के बीच बेहतर तालमाल स्थापित करने के लिए CDS सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी, ताकि देश की युद्ध शक्तियों में और विकास किया जा सके। 

CDS/चीफ ऑफ डिफेंस की जरुरत क्यों पड़ी?
सुरक्षा विषय के जानकार एक लंबे आरसे से इस सिस्टम की मांग करते रहे थे, उनकी इसी मांग और सेना में बेहतर समन्वय की जरूरतों को देखते हुए CDS पद की व्यवस्था की गई है। CDS/चीफ ऑफ डिफेंस तीनों सेनाओं के प्रभारी का पद है। इस नए पद से तीनों सेनाओं को एक नेतृत्व प्राप्त होगा।  इस पद की व्यवस्था इसलिए की गई है, क्योंकि देश को बाहरी हमलो,युद्धों से बचाने के लिए आज के समय में तीनों सेनाओं का एक साथ चलना बेहद जरूरी है। जब तीनों सेनाएं एक साथ चलेंगी तभी हमारे देश की सैन्य शक्ति का और विकास होगा और सेना भी मजबूत होगी। अगर सेनाओं में आपसी तालमेल ही नहीं होगा तो इसका खामियाजा पुरे देश को भुगतना पड़ सकता है। 

क्या है CDS/सीडीएस? What is CDS?
CDS/चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद तीनों सेनाओं का ऊपरी पद है। साल 1999 के कारगिल युद्ध के बाद से साल 2019 तक सुरक्षा विशेषज्ञ इस पद की मांग करते रहे थे। कारगिल युद्ध के बाद तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में बने GOM/ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने भी तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए CDS व्यस्था की सिफारिश की थी। GOM ने अपनी सिफारिश में कहा था कि अगर कारगिल युद्ध के दौरान ऐसी कोई व्यवस्था होती, और तीनों सेनाएं एक बेहतर तालमेल के साथ युद्ध के मैदान में उतरतीं तो हमारी सेना को काफी कम नुकसान होता। कारगिल युद्ध के पुरे 20 साल बाद इस सिस्टम को लागू किया गया है।

कोन है भारत का पहला CDS चेयरमैन? Who is First CDS chairman?
जलसेना, वायुसेना और थलसेना के ऊपरी पद CDS/चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पहले अध्यक्ष जनरल श्री विपिन राऊत जी हैं, इन्होने अपना पदभार 1 जनवरी 2020 को संभाला, इससे पहले ये 3 साल का अपना कार्यकाल पूरा करके भारतीय सेना के प्रमुख पद से 31 दिसंबर 2019 को रिटायर हुए थे। इनका सबसे प्रमुख काम ये होगा कि तीनो सेनाओं के बिच बेहतर तालमेल के साथ Department of Military Affairs का गठन किया जाये। 

पहले भी हुई थी CDS पर कोशिश पर बात नहीं बनी। 
तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहार वायपेयी सरकार में भी GOM/ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की सिफारिश पर तीनों सेनाओं के प्रमुख के तौर पर CDS/सीडीएस व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उस वक्त तीनों सेनाओं के बीच इस मुद्दे पर पूर्ण सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद तीनों सेनाओं के समन्वय/तालमेल के लिए COSC/चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी का पद बनाया गया, लेकिन इसके चेयरमैन/Chairman के पास पर्याप्त शक्तियां/Power नहीं थीं, जिसके कारण ये पद मौजूद होते हुए भी प्रभावी नहीं था। 

CDS का विरोध होने का क्या कारण था?
तात्कालिक सरकार में सीडीएस व्यवस्था लागू न हो पाने के पीछे सबसे बड़ी वजह वायुसेना का विरोध करना था। उस वक़्त वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एस कृष्णास्वामी/S. Krishnaswami ने इस पद का विरोध किया था। उस वक़्त के थल सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह/Bikram Singh और नेवी प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश/Arun Parkash ने इस सिस्टम का समर्थन किया था। यहां तक की GOM/ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की सिफारिश पर उस वक्त की CCS/कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने मंजूरी भी प्रदान कर दी थी।

CDS/चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद पर कब काम शुरू हुआ। 
CDS/चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद तीनों सेनाओं के बीच समन्वय/तालमेल के लिए जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही प्रमुखता से ये मामला मौजूदा सरकार के एजेंडे में भी शामिल रहा है। इस पद की घोषणा भले ही मोदी सरकार की दूसरी पारी में हुई हो, लेकिन इसके प्रयास पहली सरकार यानि 2014 से ही शुरू हो गए थे। 2014 की पहली मोदी सरकार में रक्षामंत्री रहे दिवंगत भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर ने भी इस दिशा में काम किया था। उन्होंने अपने मंत्रीकाल में दो साल के भीतर ये पद बनाने की घोषणा भी कर दी थी, लेकिन स्वास्थ्य वजहों से वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके और ये मामला थोड़ा लंबा खिंच गया, उनकी मनोकामना 1 जनवरी 2020 को उनकी मृत्यु के बाद पूरी हुई जो देश की सैन्य शक्ति के लिए एक बड़ा कदम है। 

किन-किन देशों में लागू है CDS सिस्टम?
भारत ने भले ही अपनी तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए CDS व्यस्था की घोषणा अब की हो, लेकिन दुनिया के बहुत देशों में सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने और उन्हें एकरूपता देने के लिए ये व्यवस्था बहुत पहले से ही लागू है। अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम, जापान और नॉटो देशों की सेनाओं में ये पद पहले से ही लागू है। इसे सिस्टम को एकीकृत रक्षा प्रणाली का सबसे अहम हिस्सा माना जाता है।

कौन बन सकता है CDS/सीडीएस?
ये बात तो तय है कि सीडीएस तीनों सेनाओं का प्रमुख होगा, लिहाजा उसके पास सैन्य सेवा का लंबा अनुभव और उपलब्धियां होनी चाहिए। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की जिम्मेदारी थल सेना, नौसेना या वायु सेना प्रमुख में से किसी को भी दी जा सकती है। बाकि देशों में अगर देखा जाये तो तीनों सेना प्रमुखों में जो सबसे सीनियर और अनुभवी होता है, उसे ही इस पद की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। CDS/सीडीएस की जिम्मेदारी देश की सेनाओं को वर्तमान चुनौतियों के अनुरूप तैयार रखना और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए रूपरेखा तैयार करना होता है। 

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