ISRO/Indian Space Research Organisation/भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के बारे में कुछ अहम जानकारी। - LS Home Tech

Tuesday, January 29, 2019

ISRO/Indian Space Research Organisation/भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के बारे में कुछ अहम जानकारी।

दोस्तो नमस्कार
                     आप हमारी ब्लॉग वेबसाइट पर टेक्नोलॉजी ओर एजुकेशन से संबंधित हर प्रकार की जानकारी हमारे आर्टिकल के माध्यम से पा सकते हैं। आज का जो हमारा आर्टिकल है वो है हमारे देश की सबसे बड़ी संस्था ISRO/ Indian Space Research Organisation के बारे में। जिसमे हम आपको इस संस्था के बारे में या इसरो के द्वारा प्राप्त सफलताओं के बारे में ओर इसरो द्वारा किये गए अंतरिक्ष अभियानों के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ISRO, What is ISRO

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन/ISRO भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है, जिसका मुख्यालय भारत के कर्नाटक राज स्थित बेंगलुरु में है। इस संस्था को 15 अगस्त 1969 को स्थापित किया गया था। इस संस्थान का ब्लूप्रिंट 1962 में तैयार किया गया था। इस संस्थान का मुख्य कार्य हमारे देश के लिए अंतरिक्ष संबंधी तकनीकी उपलब्ध करवाना है। अंतरिक्ष कार्यक्रम के मूल उद्देश्यों में उपग्रह प्रक्षेपण, राकेट प्रक्षेपण तथा भू-गतिविधियों का विश्लेषण और विकास शामिल है। भारत की इस संस्था में लगभग 18 हज़ार कर्मचारी ओर वैज्ञानिक कार्य करते हैं।

भारत का पहला उपग्रह, आर्यभट्ट, जो 19 अप्रैल 1975 सोवियत संघ की सहायता से शुरू किया गया था इसे गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था। इस उपग्रह ने 5 दिन बाद ही काम करना बंद कर दिया था। लेकिन ये अपने आप में भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि थी। 7 जून 1979 को भारत ने दूसरा उपग्रह भास्कर 445 किलो का था, पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया।
1980 में रोहिणी उपग्रह पहला भारतीय-निर्मित प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 बन गया जिसे कक्षा में स्थापित किया गया। इसरो ने बाद में दो अन्य रॉकेट विकसित किए। 
आज भारत न सिर्फ अपने अंतरिक्ष संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम है बल्कि दुनिया के बहुत से देशों को अपनी अंतरिक्ष क्षमता से व्यापारिक और अन्य स्तरों पर सहयोग कर रहा है।

ISRO प्रमुख कैलाशदीवू  सीवन ने अपने एक वक्तव्य में बताया था की इसरो पहली बार साल 2022 में मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजेगा। साथ ही चँदरयान-2 परियोजना भी जनवरी या फरवरी 2019 में पूरी हो जाएगी।  
कैलाशदीवू सीवन ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था की "हमने मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने की डेडलाइन तय कर दी है, जो की 2012 के अंत में या फिर 2022 के शुरुआत में हो सकती है।" साथ ही अगले चार से छ माह में इसरो के वैज्ञानिक अलग-अलग तीन से चार मिशनों पर काम करने वाले हैं।  

इसरो के बारे में कुछ अहम जानकारी।
  • ISRO का हेडक्वाटर बंगलुरु/बैंगलौर में है जो भारत के अंतरिक्ष विभाग द्वारा संचालित है। ये विभाग अपनी सारी अंतरिक्ष रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री को भेजता है। ISRO के भारत मे कुल 13 सेंटर हैं।
  • ISRO की स्थापना डॉo विक्रम साराभाई ने भारत सरकार की मदद से सन 1969 में की थी। विक्रम साराभाई को भारत में अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम का जनक माना जाता है।
  • भारत विश्व के उन 6 देशों(अमेरिका, चीन, जापान, फ्रांस, रूस) में शामिल है जो अपने देश की भूमि पर सैटेलाइट बनाने की ओर उसे प्रक्षेपित करने की क्षमता रखते हैं।
  • ISRO ने अब तक भारत के लिए 86 से भी ज्यादा सैटेलाईट स्थापित किये हैं। भारत /ISRO ने अब तक 21 अलग-अलग देशों के लिए 80 से भी ज्यादा सैटेलाईट आकाशीय कक्षा में स्थापित किये हैं।
  • भारतीय अर्थव्यस्था में ISRO का कुल बजट केंद्र सरकार के कुल बजट का 0.34% है ओर GDP का 0.08% है। इतने बड़े अनुसंधान केंद्र के लिए ये कोई ज्यादा बड़ा बजट नही है।
  • ISRO का पिछले लगभग 40 सालों के खर्च अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था/NASA के 6 महीने के खर्च के बराबर है।
  • अक्टूबर 2008 और एक मंगल ग्रह की परिक्रमा, मंगलयान(मंगल आर्बिटर मिशन) है, जो सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश पर 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपने पहले ही प्रयास में सफल होने के लिए पहला राष्ट्र बना।
  • इसरो को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 के इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

  • मंगलयान के सफल प्रक्षेपण के लगभग एक वर्ष बाद इसने 29 सितंबर 2015 को एस्ट्रोसैट के रूप में भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित किया।
  • ISRO की इंटरनेट स्पीड 2GB प्रति सेकेण्ड है। भारत जैसे देश मे देखा जाए तो ये गति बहुत ज्यादा है, वही NASA की इंटरनेट स्पीड 91 GB प्रति सेकेण्ड है।
  • आर्यभट्ट ISRO का पहला उपग्रह है जो 19 अप्रैल 1975 को इसरो ने रूस की मदद से लांच किया था।
  • SLV-3 भारत द्वारा लांच किया गया पहला स्वदेशी उपग्रह था, इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर डॉo ऐo पीo जेo अब्दुल कलाम थे।
  • ANTRIX ये ISRO की कमर्शियल डिवीज़न है जो हमारी स्पेस तकनीक को दूसरे देशों तक पहुंचाती है। ANTRIX के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर हमारे देश के दो बड़े उद्योगपति जमशेद गोदरेज ओर रतन टाटा हैं।
  • विश्व मे किसी दूसरे संगठन की अपेक्षा ISRO में सबसे ज्यादा single scientist हैं। इन्होंने अपने पूरा जीवन इसरो के लिए समर्पित कर दिया।
  • साल 2008- 09 में ISRO ने चन्द्रयान-1 लांच किया था,जिसका बजट 350 करोड़ रुपये था। यह बजट नासा के बजट से 8 से 10 गुना तक कम था।
  • ISRO द्वारा लांच किए गए चन्द्रयान-1 ने ही चाँद पर पानी की खोज की थी।
  • ISRO/भारत अपने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला विश्व का एकमात्र देश है। इसमे अमेरिका 5 बार, सोवियत संघ 8 बार चीन व रूस अपने पहले प्रयास में असफल रहे थे।
  • ISRO का मंगल मिशन विश्व का अब तक का सबसे सस्ता सफल मिशन है। इसकी लागत 450 करोड़ रुपये थी। अगर लागत के हिसाब से देखा जाए तो इसका प्रति किलोमीटर रेत 12 ₹ पड़ता है, जो आज के साधारण व्हीकल से भी कम है।
  • ISRO ने  Google Earth का देशी पर्याय Bhuvan बनाया है, जो कि वेब आधारित 3D satellite Imagery Tool है।
  • ISRO हर साल लगभग 12 से 15 अरब रुपए तक कि कमाई करता है, जो भारत की अर्थव्यस्था के लिए बहुत उपयोगी है।
भारत अन्तरिक्षविज्ञान की दृष्टि की किसी भी दुसरे देश पर निर्भर नही है। इसरो के पास अपना खुद का Navigational Satellite IRNSS है।

तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी पसंद आयी होगी। अगर इससे सम्बंधित आप कोई सलाह या सुझाव हमें देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। आप हमारे दूसरे आर्टिकल के लिए हमें सब्सक्राइब भी कर सकते हैं। आप हमें कमेंट करके बता भी सकते हैं कि आपको किसी विषय पर हमारी वेबसाइट पर जानकरी चाहिए, हम जल्द से जल्द वो जानकारी हमारी वेबसाइट पर आपके लिए उपलब्ध करने की कोशिश। हमरी इस जानकारी को दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। धन्यवाद 


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