नेशनल बिल्डिंग कोड 2015 ने संहिता/Code में कुछ संशोधनों का प्रस्ताव दिया था, जीसके बाद एक मसौदा परामर्श के लिए जारी किया गया था, और इसके लिए 2015 के अंत तक विभिन्न हितधारकों से सरकार के द्वारा टिप्पणियों/Observations की मांग की गई थी। नेशनल बिल्डिंग कोड आपको को आग और जीवन सुरक्षा के बारे में बताता है। राष्ट्रीय भवन संहिता/National Building Code में सुरक्षा उपाय आपके पास हर उस जगह में होना चाहिए जिसे आप लोगों के लिए इस्तेमाल करते हैं। ऐसा भी नहीं है कि हर दिन संकट की परिस्थितियां होती हैं, लेकिन अगर कभी भी कोई भी गड़बड़ी हो जाए तो हमारे पास उनसे निपटने के लिए उपयुक्त साधन वहां मौजूद होने चाहिए।
राष्ट्रीय भवन संहिता/National Building Code ने आग और जीवन सुरक्षा से संबंधित कुछ नियम नए नियम 2005 में तय किये थे जिनका पालन करना आग और सुरेख की दृष्टि से इनका पालन करना अनिवार्य है। यहाँ आग से पूर्ण सुरक्षा ही समाधान नहीं है, राष्ट्रीय भवन संहिता/National Building Code ऐसे उपायों को निर्दिष्ट करता है, जो सुरक्षा की वह डिग्री प्रदान करेगा जो "उचित रूप से तत्काल प्राप्त" हो सकते हैं।राष्ट्रीय भवन संहिता ने यहां सात महत्वपूर्ण चीजों को तवज्जो दी है, इसमें इमारतों को और भवनों को कोड के अनुसार अधिभोग के चरित्र के आधार पर नौ श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, आवासीय भवनों को आगे छह उप-श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। इन सब श्रेणियों में अग्नि-सुरक्षा मानकों को प्रमुखता के आधार पर लगाये जाने के बारे में बताया है।
किस भी तरह के खतरे से बचने के लिए कोड के अनुसार, हर इमारत का निर्माण पूर्ण रूप से राष्ट्रीय भवन संहिता अनुसार ही होना चाहिए ताकि किसी भी समय मुसीबत से बचने के लिए आवश्यक समय अवधि के दौरान आग, धुआं, धुएं या आतंक से बचा जा सके। निकास के नियम के तहत, दरवाजे, गलियारे व अन्य मार्गों को बाहर निकलने के रूप में जरुरी बनाया जाना चाहिए। बहार निकलने के रास्तों में लिफ्ट को श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। कोड के अनुसार : किसी भवन में संख्या, चौड़ाई या निकास की सुरक्षा को कम करने के लिए भवन में कोई परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए।
नेशनल बिल्डिंग कोड क्या है? What is National Building Code?
जरुरी अग्नि सुरक्षा अभ्यास: जैसा कि तीव्र आग लगने के मामले में गंभीर समस्या का कारण हो सकता है, जब तक कि व्यवस्थित दमकल और व्यवस्थित निकासी तैयार करने की कोई योजना को सही रूप न दिया जाये। बिल्डिंग बनने के पहले तीन महीनों में कम से कम एक बार फायर ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए। उसके बाद, इस तरह के ड्रिल को छह महीने में एक बार आयोजित किया जाना जरुरी है। फायर अलार्म सिस्टम : बड़े आकार की इमारतों में जहां आग में रहने वालों को पर्याप्त चेतावनी उपलब्ध नहीं हो पाती है, वहां पर स्वचालित अग्नि पहचान यंत्र, और अलार्म सुविधाएं आवश्यक हैं। आग बुझाने के यंत्र : बिल्डिंग के उपयोग और ऊंचाई के आधार पर, सभी बिल्डिंग में आग बुझानेवाले, गीली रेज़र, जल स्प्रे और स्वचालित आग बुझाने की मशीन उपलब्ध होनी चाहिए।
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