AI क्या है, आने वाले वक़्त में इसकी क्या सम्भावना है? - LS Home Tech

Saturday, February 10, 2024

AI क्या है, आने वाले वक़्त में इसकी क्या सम्भावना है?

 AI क्या है, आने वाले वक़्त में इसकी क्या सम्भावना है?

आज का समय AI यानी , Artificial intelligence का है, और भविष्य में इसके विस्तार की सम्भावना पर हम अपने इस लेख में विस्तृत रूप से इस पर चर्चा करेंगे। आपने भी कई बार इसके बारे में सुना होगा, आज के समय में AI का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है जैसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में, वित्त लेनदेन में, कृषि के क्षेत्र में और साइबर सुरक्षा में भी AI/Artificial intelligence तकनीक का उपयोग होता है। 

What is AI Full Detail

AI यानि Artificial Intelligence/आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें मशीनों को मानव जैसी बुद्धिमत्ता दी जाती है, ताकि वे कुछ कार्यों को समझ सकें, सीख सकें और उन्हें निष्पादित कर सकें। ये क्षेत्र कंप्यूटर विज्ञान का एक हिस्सा है, जो मशीनों को बुद्धिमान बनाता है, और उन्हें मानव जैसे निर्णय लेने का कौशल प्रदान करता है। यदि हम इसकी मूल भूमिका पर ध्यान देते हैं, तो एआई का उद्देश्य मशीनों को ऐसे कामों में माहिर बनाना  है जो कि पहले केवल मनुष्य ही कर सकते थे। इसमें कई तरह की तकनीकें और Algorithm/एल्गोरिदम का इस्तेमाल होता है, जिनकी मशीनें खुद से सीखती हैं और अपने अनुभवों से सुधार कर सकती हैं। AI  का इस्तेमाल आजकल कई क्षेत्रों में होता है, जैसे स्वास्थ्य सेवा, वित्त, शिक्षा, परिवहन, और मनोरंजन। इसके साथ ही, AI के नैतिक और सामाजिक निहितार्थ पर भी विचार किया जा रहा है, क्योंकि इसके साथ आने वाली चुनौतियां और अवसर दोनों हैं।

AI यानी Artificial intelligence, हिंदी में इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहा जाता है, जिसका मतलब होता है बनावटी तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस की एक एडवांस्ड शाखा है, जिसमे एक मशीन को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे वो इंसानों की तरह ही सोच समझ सके और फैसले ले सके। 

AI का भविष्य कैसा होगा
AI/आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस का भविष्य आने वाले समय और भी रोचक होने वाला है क्योंकि आए दिन इसमें कुछ न कुछ नया होता रहता है आजकल इसके एडवांस और डीप लर्निंग मॉडल्स बहुत तेजी से डेवलप हो रहे है, जिसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है जैसे एजुकेशन, मेडिकल डायग्नोसिस, सेल्फ ड्राइविंग कार, स्मार्ट होम्स, स्टॉक मार्केट एनालिसिस आदि। यह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को आकार देने में काफी मददगार साबित होगा। आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 

AI के प्रमुख उद्देश्य :

  • Learning: AI सिस्टम को Data से सिखाया जाता है ताकि वे कार्यों में सुधार कर सकें। इसमे मशीन लर्निंग (ML) और डीप लर्निंग (DL) तकनीक का सिद्धांत होता है। इस तरह की प्रोसेस में मशीनों की मेमोरी में जानकारी को डाला जाता है जिससे वो कुछ नियमों को सीखते है, और वे इन नियमों का पालन करके किसी भी दिए गए कमांड को पूरा करते है। 
  • Reasoning: AI मशीनों को तर्क और तर्क कौशल दी जाती है ताकि वे समस्याओं को हल कर सकें। विशेषज्ञ प्रणाली इसमे एक प्रकार का एआई है जो विशिष्ट Domain/डोमेन में विशेषज्ञों का काम करता है। इस प्रोसेस में मशीनों को ये इंस्ट्रक्ट किया जाता है की वे बनाए गए नियमों को फॉलो करे और उसके बाद वांछित परिणामों की तरफ आगे बढे। हमारे द्वारा AI को दिया गए काम का जो भी आउटपुट आता है, वह अच्छे रीजनिंग यानि तर्क की  सहायता से ही मिलता है। इसलिए डेवलपर किसी भी AI को डिजाइन करने में रीजनिंग प्रोसेस पर अधिक ध्यान देते है। 
  • Problem Solving: AI का एक मुख्य उद्देश्य है समस्याओं को हल करना। इसमें Algorithm/एल्गोरिदम का उपयोग होता है जो अनुकूलित समाधान ढूंढने में मदद करता है। इस प्रोसेस में एल्गोरिथम को AI डिवाइसों में शामिल किया जाता है, जिससे दिए गए इनपुट जैसे टैक्स, इमेज, वीडियो, ऑडियो आदि को आपके हिसाब से एकत्रित करके सही और सटीक जानकारी देता है। ये ऐसे एल्गोरिथम होते जिसमे AI डिवाइस इंसानों की नकल करने की कोशिश करता है, और उसी तरह से जवाब देने का प्रयास करता है, और किसी भी तरह की प्रॉब्लम का सलूशन करता है। 
  • Perception: AI सिस्टम को संवेदी डेटा की व्याख्या करने की क्षमता दी जाती है। इसमें कंप्यूटर विज़न/Vision, स्पीच रिकग्निशन/Speech Recognition और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग Natural Language Processing (NLP) आते हैं।
  • Language Understanding: AI को भाषा समझने और उत्पन्न करने की क्षमता भी दी जाती है, जिसे वे उपयोगकर्ता के साथ बेहतरीन संचार कर सकते हैं।

AI की शुरुआत कब से मानी जाती है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक अमेरिका के कंप्यूटर वैज्ञानिक, जॉन मैकार्थी को माना जाता है। 1956 में मैकार्थी ने Dartmouth/डॉर्टमाउथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था, इसी कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पहली बार AI के कॉन्सेप्ट और संभावनाओं पर चर्चा की थी। भले ही AI की शुरुआत 1950 में हुई थी लेकिन इसे 1980 के दशक की शुरुआत में पहचाना गया। 1981 में जापान ने AI तकनीक का इस्तमाल करते हुए फिफ्थ जेनरेशन (Fifth Generation) नाम की एक योजना की शुरुआत की। इसमें सुपर-कम्प्यूटर के विकास के लिए 10-वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी। जापान के बाद दूसरे देशों का ध्यान भी AI की ओर गया। ब्रिटेन ने इसके लिए ALVI/एल्वी नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया। यूरोपीय यूनियन के देशों ने भी ASPRIT/एस्प्रिट नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी।  इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिए एक संस्था ‘माइक्रो – इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की। 

AI के कुछ मुख्य मुख्य बिंदु :

  1. Weak AI (Narrow AI): ये एआई एक विशिष्ट कार्य को संभालने में माहिर होती है। जैसे कि वर्चुअल असिस्टेंट, इमेज रिकग्निशन, स्पीच रिकग्निशन इत्यादि।
  2. Strong AI (General AI): इसमें मशीनों को हर तरह के कार्यों में मानव जैसी बुद्धिमत्ता मिलती है। ये एक ऐसी जगह है जहां मशीन ऐसी काम कर सकती है जो मानव बुद्धि के स्तर पर है।
  3. Machine Learning (ML): ये एआई का एक हिसा है जिसमें मशीनों को डेटा दी जाती है ताकि वे खुद से सीखें और अपने प्रदर्शन को सुधार सकें।
  4. Deep Learning (DL): ये एक एमएल तकनीक है जो न्यूरल नेटवर्क का उपयोग करती है। इसमें बड़ी मात्रा में डेटा और जटिल एल्गोरिदम का उपयोग होता है।
  5. Natural Language Processing (NLP): ये एआई का एक हिस्सा है जो मशीनों को मानव भाषाएं समझता है और हमसे संवाद करने में मदद करता है। इसका इस्तमाल चैटबॉट्स, भाषा अनुवाद और वाक् पहचान में होता है।
  6. Robotics (RAI): एआई के इस शाखा में मशीनों को शारीरिक कार्यों और गतिविधियों में माहिर बनाया जाता है। इसमें स्वायत्त वाहन, औद्योगिक रोबोट, और ड्रोन आते हैं।

AI तकनीक से क्यों डरते है लोग?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस दशक का सबसे चर्चित विषयों में से एक है। यह एक जटिल तकनीक है, जिसे आसानी से समझा नही जा सकता है। हालांकि इसके कई फायदों के साथ साथ कई नुकसान भी है, जो लोगो को हानि पहुंचा सकते है। यही कारण है की लोग इसे लेकर कई अनुमान लगाते है और भविष्य में इसे संकट के रूप में भी देखते है। लोगो में इसके प्रति क्या क्या डर है आइए जानते है। 

1. बेरोजगारी का डर
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से बेरोजगारी बढ़ेगी, लोगो को यह डर है की आने वाले समय में AI करोड़ों लोगो की नौकरी खत्म कर देगा और उनकी जगह मशीनों से काम करवाया जायेगा, जिससे वे बेरोजगार हो जायेगे। इसके सबसे ज्यादा असर कंप्यूटर प्रोग्रामर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, कोडर, मार्केटिंग एनालिस्ट रिसर्च जैसे नौकरी पर होगा, और धीरे-धीरे यह तकनीक अन्य नौकरियों पर भी अपना असर दिखाना शुरू कर देगी। 

2. नियंत्रण खोने का डर
लोगो को यह डर भी है की आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस के आने से यह धीरे-धीरे शक्तिशाली हो जायेगा और मानव हाथो से नियंत्रण छीन लेगा और एक समय के बाद मानव जाति का अंत हो जाएगा, क्योंकि रोबोट्स इस तकनीक के जरिए अपने आप को विकसित करके खुद खतरनाक हथियार बना सकते है। 

3. गोपनीयता और निगरानी का डर
चेहरे की पहचान और डेटा विश्लेषण जैसे तकनीक के व्यापक उपयोग से लोगो में गोपनीयता और निगरानी का डर है उन्हे यह चिंता है की एआई सिस्टम उनकी सहमति के बिना व्यक्तिगत डेटा एकत्र और विश्लेषण करके उनकी गोपनीयता का उल्लंघन कर सकता है। इसके अलावा लोगो में यह डर भी है की उनकी सहमति के बिना उनपर निगरानी और उन्हे ट्रैक करने के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता से समझौता किया जा सकता है। 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का संक्षिप्त इतिहास
1949 से पहले, कंप्यूटर कमांड निष्पादित कर सकते थे, लेकिन वे यह याद नहीं रख पाते थे कि उन्होंने क्या किया क्योंकि वे इन कमांडों को संग्रहीत करने में सक्षम नहीं थे। 1950 में, एलन ट्यूरिंग ने अपने पेपर "कंप्यूटिंग मशीनरी और इंटेलिजेंस" में बुद्धिमान मशीनें बनाने और इस बुद्धिमत्ता का परीक्षण करने के बारे में चर्चा की। पांच साल बाद, पहला एआई कार्यक्रम डार्टमाउथ समर रिसर्च प्रोजेक्ट ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (डीएसपीआरएआई) में प्रस्तुत किया गया। इस घटना ने अगले कुछ दशकों के लिए एआई अनुसंधान को उत्प्रेरित किया।

1957 और 1974 के बीच कंप्यूटर तेज़, सस्ते और अधिक सुलभ हो गए। मशीन लर्निंग एल्गोरिदम में सुधार हुआ और 1970 में, DSPRAI के मेजबानों में से एक ने लाइफ मैगज़ीन को बताया कि तीन से तीन साल में एक औसत इंसान की सामान्य बुद्धि वाली एक मशीन होगी। आठ वर्ष। उनकी सफलता के बावजूद, सूचनाओं को कुशलतापूर्वक संग्रहीत करने या त्वरित रूप से संसाधित करने में कंप्यूटर की अक्षमता ने अगले दस वर्षों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की खोज में बाधाएँ पैदा कीं।

एआई को 1980 के दशक में एल्गोरिथम टूलकिट के विस्तार और अधिक समर्पित फंड के साथ पुनर्जीवित किया गया था। जॉन होपफ़ील्ड और डेविड रुमेलहार्ट ने "गहन शिक्षण" तकनीक पेश की जिससे कंप्यूटर को अनुभव के माध्यम से सीखने की अनुमति मिली। एडवर्ड फेगेनबाम ने "विशेषज्ञ प्रणालियाँ" पेश कीं जो मानव निर्णय लेने की नकल करती थीं। सरकारी फंडिंग की कमी और सार्वजनिक प्रचार के बावजूद, एआई फला-फूला और अगले दो दशकों में कई ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किए गए। 1997 में, मौजूदा शतरंज विश्व चैंपियन और ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव को शतरंज खेलने वाले कंप्यूटर प्रोग्राम आईबीएम के डीप ब्लू ने हरा दिया था। उसी वर्ष, ड्रैगन सिस्टम्स द्वारा विकसित वाक् पहचान सॉफ़्टवेयर को विंडोज़ पर लागू किया गया था। सिंथिया ब्रेज़ील ने किस्मत नामक एक रोबोट भी विकसित किया जो भावनाओं को पहचान और प्रदर्शित कर सकता है।

2016 में, Google के अल्फ़ागो प्रोग्राम ने गो मास्टर ली से-डोल को हराया और 2017 में, पोकर खेलने वाले सुपरकंप्यूटर लाइब्रेटस ने सर्वश्रेष्ठ मानव खिलाड़ियों को हराया।

तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको हमारे द्वारा दी गई ये जानकारी" AI क्या है, आने वाले वक़्त में इसकी क्या सम्भावना है?"पसंद आयी होगी। अगर इससे सम्बंधित आप कोई सलाह या सुझाव हमें देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। आप हमारे दूसरे आर्टिकल के लिए हमें सब्सक्राइब भी कर सकते हैं। आप हमें कमेंट करके बता भी सकते हैं कि आपको किसी विषय पर हमारी वेबसाइट पर जानकरी चाहिए, हम जल्द से जल्द वो जानकारी हमारी वेबसाइट पर आपके लिए उपलब्ध करने की कोशिश। हमारी इस जानकारी को दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। धन्यवाद 

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1 comment:

  1. AI से जुड़ा हुआ हमारा भविष्य वास्तव में रोचक और उम्मीदनीय है। इसकी तेजी से बढ़ती उपयोगिता और नवीनतम तकनीकी विकास से हमें इसकी संभावित सम्भावनाओं के बारे में और भी जानने का अवसर मिलेगा। इस लेखक ने इस विषय को एक अन्य पहल के साथ दिखाया है और इसकी उम्मीदों से भरी दुनिया को और भी बेहतर बनाने के लिए हमारे कार्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
    useful article thank you sir
    gk questions

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